Facts About Shiv chaisa Revealed
Facts About Shiv chaisa Revealed
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किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥
अर्थ: हे भोलेनाथ आपको नमन है। जिसका ब्रह्मा आदि देवता भी भेद न जान सके, हे शिव आपकी जय हो। जो भी इस पाठ को मन लगाकर करेगा, शिव शम्भु उनकी रक्षा करेंगें, आपकी कृपा उन पर बरसेगी।
ॠनियां जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥
अर्थ: हे प्रभु जब क्षीर सागर के मंथन में विष से भरा घड़ा निकला तो समस्त देवता व दैत्य भय से कांपने लगे (पौराणिक कथाओं के अनुसार सागर मंथन से निकला यह विष इतना खतरनाक था कि उसकी एक बूंद भी ब्रह्मांड के लिए विनाशकारी थी) आपने ही सब पर मेहर बरसाते हुए इस विष को अपने कंठ में धारण किया जिससे आपका नाम नीलकंठ हुआ।
अथ श्री बृहस्पतिवार व्रत कथा
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥
O Universal Lord, each individual morning to be a rule I recite this Chalisa with devotion. Please bless me making sure that I could possibly complete my product and spiritual dreams.
नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा।
कीन्ह दया तहँ करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥
देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥
प्रकटी उदधि मंथन में ज्वाला। जरत सुरासुर भए विहाला॥
त्रयोदशी व्रत करै हमेशा। shiv chalisa lyricsl ताके तन नहीं रहै कलेशा॥
जय जय जय अनन्त अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥
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